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Monday, October 3, 2016

-----दधिमथी माँ माहाराणी लाग-----

बब्बर सिंह प चढी माँ महाराणी लाग

कि म्हान दधीमथी माँ जगदम्बा भवानी लाग

आ तो ब्रम्हाणी रूद्राणी कमलाराणी लाग-कमलाराणी लाग

कि म्हान दधीमथी माँ जगदम्बा भवानी लाग

प्रगटी जद भू फाड़ भवानी हुई गर्जना भारी

घबरायो ग्वाल्यो डर भाग्यो भागी गायाँ सारी

गोठ माँगलोद माँ की रजधानी लाग-रजधानी लाग

कि म्हान दधीमथी माँ जगदम्बा भवानी लाग

केशर तिलक बोरलो माथे नथली रो सिणगार

प्यारी सी आख्याँ म काजल फूलाँ रो गळहार

आ तो ममता री मूरत सुहाणी लाग -रे सुहाणी लाग

कि म्हान दधीमथी माँ जगदम्बा भवानी लाग

दधिमथि माँ रो ध्यान धर भाई जो नर आठूँ याम

उणरी बाधा दूर कर माँ पूर सारा काम

इणर नाम स्यूँ सफल जिंदगानी लाग -रे जिंदगानी लाग

कि म्हान दधीमथी माँ जगदम्बा भवानी लाग

बब्बर सिंह प चढी माँ महाराणी लाग

कि म्हान दधीमथी माँ जगदम्बा भवानी लाग

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