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Monday, October 3, 2016

****मेयाजी म्हें तो टाबर थारा...****

मैयाजी म्हें तो टाबर थारा...मैयाजी म्हें तो टाबर थारा...

ले गोद लडाओ लाड थे पूछो आँसू म्हारा....2

मैयाजी म्हें तो टाबर थारा... मैयाजी म्हें तो टाबर थारा...

दधिमथी माँ महतारी लाज अब राखो म्हारी

घड़ी संकट की आई शरण म्हें आया थारी

हिवड़ा म ऊठ हूक दरश बिन नैण दुखारा...2

मैयाजी म्हें तो टाबर थारा... मैयाजी म्हें तो टाबर थारा...

होठ ज्यूँ मन मन मुळक नैणाँ स्यूँ करूणा छळक

स्वरण नथ हीराँवाली मात मुख चमचम चमक

केशर तिलकाँ पर बोर चूनड़ी जड़्या सितारा...2

मैयाजी म्हें तो टाबर थारा... मैयाजी म्हें तो टाबर थारा...

मुकुट माथा पर सोव रूप सगळाँ न मोव

तेज की ऐसी मूरत चाँद सूरज सुध खोव

चढ सिंह पधारो आज कराँ म्हें दरषन सारा....2

मैयाजी म्हें तो टाबर थारा... मैयाजी म्हें तो टाबर थारा...

जगत का गोरखधंधा रोग सतरासौबीसी

कामना गिणी न जाव भोग नहिं पाँच पचीसी

थे करो दया काटो करमाँ का बन्धन सारा.....2

मैयाजी म्हें तो टाबर थारा... मैयाजी म्हें तो टाबर थारा

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