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Thursday, December 1, 2016

गाँव री थोङी पढोङी छोरी रो लव लेटर

एक गांव री छाेरी आपरे प्रेमी ने लव लैटर लिखियाे---
(बापड़़ी घणी पढाेड़ी ही काेनी)

पर किसी का पत्र पढ़ कर हंसना बुरी बात है।

मेरे प्यारे पपूड़ां,

कल मैने तुम्है देखा।
तुम डागले खड़े मुझे देख रहे थे, मैं लारले बाड़े में टाेगड़िया बांध रही थी।
मैं तुम्हे देख कर मुस्कुराना चाहती थी, तभी तुम्हारे जी सा बान्डा खाेल के बारे आ गए।
मैं जल्दी से थेपड़ी वाले पींडारे के लारे लुक गई।
तेरी बाैत याद आती है।
पर तू रास्ते में जाते समय ऐसी हरकतें ना करिया कर।
कल मैं मां के साथ सैर कानी जा रही थी ताे तुने जाे मुझे कांकरा मारा था, वाे सीधा मां के पिटपड़े पर लगा।
मां ने बाैत गाल्यां काडी।
तू कल मिल रहा है क्या ?
परसाें मैं तेरे घर कानी आ रही थी,
तभी एक मिनड़ी रस्ता काट गई।
ताे मैं पाछी चली गई।
परसाें मैं अपनी भायली के साथ,
पाैटा लेने जा रही थी ताे तूने लारे से हैला क्याे पाड़ा था ?
कभी लारे से हेला नहीं पाड़ना चाहिए।
बाकी फेर कदई लिखूंगी।
अब झाेटी काे नीरा नाखणे का टैम हाेगया है।
पत्र का जबाब जल्दी देना।

                          तुम्हारी
                           धापुड़ी

😂😂😂😂😉😉😜😜😜😜

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