मैया एकर तो दरबार म बुलाय लीजो ए
माता एकर तो दरबार म बुलाय लीजो ए
म्हान थास्यूं आस लगी है मैया थास्यूं प्रीत लगी है
मत ना तोड़ दीजो ए
मैया एकर तो दरबार म बुलाय लीजो ए
जद भी कोई पड़ बीपदा दोड़्यो दोड़्यो आवूँ मैया दोड़्यो दोड़्यो आवूँ
चैत आसोजां र मेला म माँ दूर कियां रह पावूं मैया दूर कियां रह पावूं
जळ बिन मछली ज्यूँ तड़पूं थे जाण लीजो ए
मैया एकर तो दरबार म बुलाय लीजो ए
थारी महर हो जाव माता जात जड़ूला ल्यावूँ माता जात जड़ूला ल्यावूँ
सवामणी कर दाल चूरमो बाटी भोग लगावूँ मैया छप्पन भोग सजाऊँ
जागरणो अभिषेक करूं थे किरपा करज्यो ए
मैया एकर तो दरबार म बुलाय लीजो ए
सांझ पड़्यां टाबरिया थारा हरष हरष गुण गाव मैया हरष हरष गुण गाव
थार पोढण री खातिर माँ फुलड़ां सेज सजाव मैया फुलड़ां सेज सजाव
पोढण री बेळ्यां म्हान परसादी दीजो ए
माता एकर तो दरबार म बुलाय लीजो ए
म्हान थास्यूं आस लगी है मैया थास्यूं प्रीत लगी है
मत ना तोड़ दीजो ए
मैया एकर तो दरबार म बुलाय लीजो ए
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