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Tuesday, October 13, 2015

" माँ दधीमथी स्तुति "

।। दधिमथी स्तुति ।।

मैया दीज्यो ए परसादी हाथ बढ़ाय बाहर उबा टाबरिया।।टेर।। म्है हां थांरा टाबर मैया तूं है म्हारी माय। क्ुल देवी जगदम्बा अम्बा, लुळ लुळ लागूं पाय।। अम्बा दीज्यो ए चरणामृत अमृत धार...

चरणामृत चरणा को दीज्यो, केशर चन्दन साथ। दूध पतासा मिसरी दीज्यो, मीठा रहसी हाथ। अम्बा दीज्यो ए मेवांरा, भर भर थाल...

अन-धन रा भंडार भरीज्यो, लक्ष्मी दीज्यो अपार। सभी रकम की वस्तु मैया, घर में दीज्यो बसाय। अम्बा दीज्यो ए सोनेरो नौसर हार...

थारं चरणां री भक्ति दीज्यो चोखो दीज्यो ज्ञान। भरी सभा पंचा में मैया, म्हारो राखज्यो मान। मैया दीज्यो ए नैणारी ज्योति अपार...

टाबरियां ने गोद झडूलो, देय बुलाज्यो आप। अत्रि दास शरण मा थांरी, भूल करिज्यो माफ। अम्बा दीज्यो ए, सेवा भक्ति रो सार...

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