आम्बा भाया मोकळा , देशी नाक्यो खाद ।
पोता-पोती खावता , मने करेगा याद ।।
मने करेगा याद , गजब का हा दादाजी ।
ग्या बेकुंठा माय , कहे धरती माताजी ।।
कवे श्रवण कुमार , सोचज्यो लोग-लुगाईयां ।
कुण-कुण करसी याद, थां कई आम्बा भाया ।।
श्रवण कुमार
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